यहाँ सर दे के होते हैं सजदे, आशिकी इतनी सस्ती नहीं है ।।
अच्छे संस्कार का असरकुछ समय पहले की बात है। एक माता-पिता ने | अपनी कन्या के लिए बड़ी मेहनत करके एक वर...
Read out allपहले यह सुरत-शब्द योग (नामयोग) मार्ग बिल्कुल गुप्त था। नामदान पाने के लिए कठिन सेवा – कसौटियों से गुजरना पड़ता था ।
श्री देवदत्त जी! आपने पूछा है कि जो लोग सेवाओं को लेकर अपने निजी काम में खर्च कर लेते हैं, । उसका...
Read out allये मुहब्बत की है बात जाहिद, बन्दगी तेरे वश की नहीं है।
में परिपक्व किए जाते थे। दूसरे जन्म के आखीर में नामदान मिलता था, तीसरे जन्म में मुक्ति पद तक की साधना कराई...
Read out allआवागमन का कोई बन्धन नहीं था। समय पूरा हुआ तो ध्यान विधि से। उस सत्तपुरुष के पास वापस चले जाते थे।
यह मृत्युलोक जन्म-मरण का देश है । यहाँ I जिसका जन्म हुआ है, उसे एक न एक दिन मरना जरूर है। जो...
Read out allकलियुग केवल हरिगुन गाहा, गावत नर पावहिं भव थाहा ।।
सोचा कि यदि इसी तरह सब सुरतें जागकर अपने देश वापस लौट गईं तो एक दिन हमारा देश पूरी -तरह खाली हो...
Read out allआम जनमानस में चर्चा के विषय होते हैं, जिनसे उनकी दया-कृपा का आभास मिलता है।
बात अयोध्या के सरयू तट पर आयोजित प्रथम सतयुग आगवन साकेत महायज्ञ के समय की है। सरयू की बालू से नदी का...
Read out allअच्छे संस्कार कोई एम. ए., बी. ए. की डिग्री लेने से, या कोई डिप्लोमा करने से नहीं पड़ते हैं।
अच्छे संस्कार कोई एम. ए., बी. ए. की डिग्री लेने से, या कोई डिप्लोमा करने से नहीं पड़ते हैं। संस्कार पड़ते हैं...
Read out allदेवी-देवता मानव-तन पाने के लिए तरसते रहते हैं।
गुरु की दया का प्रत्यक्ष फल यह है कि तुम में अपने जीवन की कदर हो और अन्तर में नेत्र खुलें। शब्द...
Read out allपचो मत आय इस जग में, जानियो रैन का सुपना।।
मौत से डरत रहो दिन रातयह मृत्युलोक जन्म-मरण का देश है । यहाँ I जिसका जन्म हुआ है, उसे एक न एक...
Read out allधाम अपने चलो भाई, पराये देश क्यों रहना।
पंकज जी महाराज उवाचअच्छे संस्कार कोई एम. ए., बी. ए. की डिग्री लेने से, या कोई डिप्लोमा करने से नहीं पड़ते हैं।...
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