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  • इधर से कलयुग जायेगा, उधर से सतयुग आयेगा। (दो हाथों को समीप लाते हुए) जब एक इंच का फासला रह जायेगा, तब बच्चा आपका कचूमर निकल जायेगा । दुआ कितनी बड़ी मैं जानता हूँ कि तुम बहुत संकट में हो, मुझे आपके हर तरह के संकट मालूम हैं। आपको नहीं मालूम कि महात्मा का आशीर्वाद और दुआ कितनी बड़ी होती है। भारत भूमि को सिजदा करेंगे भारतवर्ष एक नये संविधान का निर्माण करेगा। राष्ट्रभाषा हिन्दी और संस्कृत होगी। विदेशों के लोग भाग कर भारत में आयेंगे और इन भाषाओं ! को सीखेंगे और महापुरुषों के स्थान की मिट्टी को उठाकर माथे पर लगायेंगे। तब उन्हें शान्ति मिलेगी।

    आगे ऐसा समय आने वाला है कि भारत भूमि को सभी सिजदा करेंगे। मुझे नहीं पहचानोगे अभी लोग मुझे नहीं पहचानेंगे, जब मेरा काम हो जायेगा, तब यह जान पाओगे। मैं जो कहूँगा, वही करूँगा। मुझे कोई भी माई का लाल रोक नहीं सकता। कह रहा हूँ; भजन कर लो, आगे कोई कहने वाला नहीं मिलेगा। तब उस समय पर क्या करोगे ? तुम्हारी बुद्धि | काम नहीं करेगी । विवश और लाचार हो जाओगे। संकल्प कर लो अरे बच्चों ! जब मन में यह संकल्प कर लोगे कि हमारा भजन बन जाय, उसी वक्त तुम्हारा भजन बन जायेगा। उस मालिक की इतनी दया है । मेरे पास कौड़ी बाबा जी के पास कौड़ी है, जिस दिन वह फेंक देंगे तो तुम सब बन्दर की तरह भागते हुए मेरे पास चले आओगे। एकाएक विश्वास मत कर लेना संगत बहुत बढ़ रही है। किसी की बात पर आप एकाएक विश्वास मत कर लेना । यह भानमती । का कुनबा है, जिसे महात्मा कहीं की ईंट कहीं के रोड़े ! से जोड़ते हैं। हमें जल्दी नहीं याद रखिये परिवर्तन होगा। भारी परिवर्तन होगा। जो अभी किसी के दिल-दिमाग में नहीं है। विश्व के सभी देश उन शक्तियों के आगे घुटने टेक ॥ देंगे। अभी सुन लीजिए; जब हो जाय, तब मान लेना। अभी हमें भी जल्दी नहीं है। मैं मदद करूँगा मेरी बात याद रखो। तुम मुझे बराबर याद करते रहना। तुम कहीं भी रहो, वक्त पर मैं तुम्हारी मदद | करूँगा। मैं हर वक्त, हर क्षण सबको देखता रहता हूँ। चाहे वह हजारों मील की दूरी पर क्यों न रहता हो ? फल खाकर जाऊँगा अभी तो मैंने सतयुग का बीज बोया है और फल मैं खा करके ही जाऊँगा। यह बात अलग है कि उसके लिए क्या लीला होगी, यह किसी को पता नहीं है ?
    गेयर फँस जायेगा आप लोग सँभल जाइये। आगे जो समय आ रहा है, वह बिल्कुल अच्छा नहीं है। अगर आपने मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया तो याद रखिये मैं गाड़ी के ! गेयर को बीच में ही फँसा दूँगा। कुदरत अपना काम और करिश्मा दिखायेगी और गियर फँस जायेगा । मिस्त्री नहीं मिलेगा और गाड़ी न आगे जायेगी, ना पीछे जायेगी। मिस्त्री मिलेगा तो गियर तोड़ने पर भी काम नहीं बनेगा। आप अभी से सँभल जाँय। जिससे गेयर फँसने न पाये। याद रखिये मेरी कोई बात जो इस मंच से कहूँगा, वह एक भी बात कटने वाली नहीं है, न झूठ हो सकती। मैं सब समझता हूँ
    मैं तुमको बार-बार उठाता हूँ और तुम बार-बार उसी में गिरते जाते हो, फँस जाते हो। बेअदब हो जाते। हो। तो तुम मुझे समझते हो कि मैं कुछ समझता नहीं हूँ। मैं सब समझता हूँ।
    दीनता प्रभु को प्यारी है। अहंकार काल का भोजन है।

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