अच्छे संस्कार कोई एम. ए., बी. ए. की डिग्री लेने से, या कोई डिप्लोमा करने से नहीं पड़ते हैं। संस्कार पड़ते हैं महात्माओं की वचन वाणियों से, सत्संग से। अपने-अपने बच्चों को सत्संग में लेकर ॥ आया करो। हम यही करते हैं कि अपने आप चले आते हैं, बच्चों को नहीं लाते। उन पर अच्छे संस्कार कैसे पड़ेंगे ? – 25 अक्टूबर 2022, गनाहेड़ा, तह.- पुष्कर, जिला – अजमेर (राज.) सन्तों, महात्माओं और फकीरों का सन्देश, उपदेश सारी दुनिया के मानव – मात्र, इन्सानों के लिए होता है। वह किसी धर्म, मजहब की सीमा में नहीं होते हैं। वह तो सबके होते हैं, सबको अपना समझते हैं और सब की भलाई व कल्याण का काम ॥ करते हैं ।
26 अक्टूबर 2022, कात्यासनी, तह. मेड़ता, जिला – नागौर (राज.) X यह मानव-शरीर इन्सानी जामा किराये का । मकान है। जैसे ही इसका समय पूरा हुआ, श्वाँसों की अनमोल पूँजी खत्म हुई, इसमें बैठी चेतन जीवात्मा को निकालकर बाहर कर दिया जायेगा। यह शरीर धड़ाम से गिर पड़ेगा। लोग उठाकर जला देंगे। दफना कर खाक बना देंगे। जीवात्मा को किए गये कर्मों की सजा भुगतनी पड़ेगी-27 अक्टूबर 2022, बग्गड़, तहसील – रियाबड़ी, जिला-नागौर (राज.) I xx यह जीवात्मा शब्द की डोरी से उतारकर लाई गई। डोरी छूट गई। जीवात्मा शब्द से अलग हो ॥ गई। अब रूह (जीवात्मा) को बोध नहीं रहा कि वह कहाँ से आई थी, कौन उसका मालिक है और अपने | मालिक के देश में कैसे पहुँचेगी ? इन सब प्रश्नों का उत्तर तब मिलेगा, जब कोई सन्त-महात्मा मिल
॥ जायेंगे।-28 अक्टूबर 2022, बड़, तह. – परबतसर,जिला – नागौर (राज.)
जाति-पाँति, धर्म-मजहब के नाम पर लड़ाईयाँ अज्ञानता के कारण हैं । यह लड़ाई-झगड़े । महात्माओं की शिक्षाओं और फकीरों की तालिमों से भटक जाने के परिणाम हैं। -29 अक्टूबर 2022, हरसौर, तह. – डेगाना, जिला – नागौर (राज.)
इस भौतिक ज्ञान विज्ञान के सिर की चोटी | से आध्यात्मिक ज्ञान, आत्मा परमात्मा के गूढ़ ज्ञान रहस्य की शुरूआत होती है। भौतिक ज्ञान को पढ़कर इसी अहंकार में रहते हैं कि हमसे बड़ा कोई ज्ञानी । नहीं। 30 अक्टूबर 2022, जयगुरुदेव आश्रम, गाँगवा, तह.-परबतसर, जिला-नागौर (राज.)
प्रभु ने आपको कर्म करने की आजादी दे दी है। पाप-पुण्य कर्मों की गन्दगी से जीवात्मा के । आँख-कान, नाक बन्द हो गये हैं। कर्मों की सफाई केवल सन्त-महात्मा ही कर सकते हैं। कर्मों की । सफाई और गुनाहों की माफी के लिए हम सबको सन्तों के पास जाना पड़ेगा।
31 अक्टूबर 2022, जयगुरुदेव आश्रम, डोडवाड़ा, तहसील – फुलेरा, जिला- जयपुर (राज.) ।
वह परमात्मा मन्दिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारों में, नदी-नालों, पेड़-पहाड़ों में नहीं मिलने वाला। वह जब भी मिलेगा, अपने शरीर के अन्दर, वजूद के भीतर जाकर मिलेगा। सुरत-शब्द योग, नामयोग की कमाई से मिलेगा ।
1 नवम्बर 2022,
जयगुरुदेव आश्रम, खाखड़की, तह. नावाँ, जिला – नागौर (राज.)
यह शरीर परमात्मा का बनाया हुआ चेतन ईश्वरीय मंदिर है। तुम इसमें माँस के टुकड़े डालते । हो, मन्दिर में कोई कूड़ा-कचरा नहीं डालता। यदि तुम कूड़ा-कचरा डालोगे तो लाठी-डण्डे चल जायेंगे।
एक ही काम के लिए यह तन मिला कि जीते जी भजन करके अपने घर चले चलो।



लिड़ाईयाँ हो जायेंगी । तीर-तलवारें चल जायेंगी । तुम भगवान के बनाये मंदिर में माँस के लोथड़े डालकर, अण्डे डालकर गन्दा कर रहे हो। वह | परमात्मा तुम्हें माफ नहीं करेगा, बल्कि कठोर से कठोर सख्त सजा देगा।-2 नवम्बर 2022, कोलिया तह. डीडवाना, जिला – नागौर (राज.)

सन् 1994 से 1996 के बीच बाबा जयगुरुदेव ने संकेत किया था कि चण्डी एक देवता / देवी है, जो मशाल लेकर पूरे विश्व का भ्रमण कर रही है। सभी देशों का धन गायब कर देगी। बड़े-बड़े देश चिल्लायेंगे कि हमारा धन किधर गया ? रुपया किधर गया ? डॉलर किधर गया ? यानि करेंसी खत्म कर देगी। – उसके बाद मुल्क – मुल्क में लड़ाईयाँ करा देगी। अन्न की कमी हो जायेगी। लोग बिना अन्न के भूखों मरने लगेंगे। उस समय भगवान का भजन ही रक्षा करेगा। बाबा जयगुरुदेव ने विकराल समय से बचने का रास्ता भी बताया था कि सभी लोग भगवान का भजन करने लगें तो बच जायेंगे। नहीं तो खाईं, | खन्दक में जाकर गिर जायेंगे।
3 नवम्बर 2022, शोभासर, तह.-सुजानगढ़, जिला-चुरु (राज.)
देश में बढ़ती हिंसा और अपराध की घटनायें ॥ गम्भीर चिन्ता के विषय हैं। यह विकार खान-पान बिगड़ जाने और शराब जैसे नशों के सेवन से पैदा हुए हैं। यदि इन्हें रोक दिया जाय तो अस्सी फीसदी अपराध अपने आप कम हो जायेंगे। 20 प्रतिशत जो बचेंगे, महात्मा अपने सदुपदेशों से सुधार करवा देंगे।-4 नवम्बर 2022, साँगासर, तह, सुजानगढ़, जिला-चुरु (राज.)

मनुष्य की एक ही जाति है, वह है मनुष्य जाति। जातियाँ जन्म अनुसार नहीं, कर्म के अनुसार बनाई गई हैं। सत्संग में शब्द यानि नाम का प्रचार
की जाती है।-5 नवम्बर 2022, बिरानियाँ, तह. या मजहब की कोई निन्दा-आलोचना, चुगली नहीं फतेहपुर, जिला- सीकर (राज.)
डण्डे, तीर, तलवार, बन्दूकें या अन्य कोई हथियार
सन्त, महात्मा, फकीर, हमारे हाथों में लाठी,
पकड़ाने नहीं आते हैं। वह तो हमारी जीवात्मा के ! कल्याण हेतु सही सच्ची बात बताने और भगवान का भजन कराने के लिए मालिक का सन्देश लेकर । आते हैं।
-6 नवम्बर 2022, ठिमोली, तह. – रामगढ़, जिला- सीकर (राज.) हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई सब में उसी प्रभु परमेश्वर की अंश जीवात्मा, खुदा का नूर, जर्रा यानि कतरा, रूह बैठी है । इस मन्दिर को साफ-सुथरा रखें। तन रूपी मन्दिर गन्दा हो गया तो पूजा कैसे करेंगे ? ।।
7 नवम्बर 2022, स्वरूपसर तह. लक्ष्मणगढ़, जिला- सीकर (राज.) जब हम पैदा हुए तो कोई नाम, जाति को ! लेकर नहीं आये। कर्म के अनुसार हमारा नाम पड़ । गया। हमने परिवार, जमीन, जायदाद बना ली, उसे । अपना मानकर यहीं बैठ गये। जब जाने का वक्त आया तो हमारे साथ न जाति-विरादरी साथ गई, न धन-दौलत ही साथ गया। सब कुछ यहीं पड़ा रहा। शरीर मिट्टी हो गया। उसको लकड़ियों पर रखकर जला कर राख कर दिया। कुछ लोगों ने मिट्टी में दफना कर खाक कर दिया। जो खोटे-बुरे कर्म । किए, वह लिखे हुए हैं। सबका फल हमें ही भोगना । कर्मों के फलस्वरूप जीवात्माओं को नर्कों और चौरासी में डालकर सख्त से सख्त सजायें दी जाती हैं। एक बार चला गया तो यह शरीर दुबारा नहीं। मिलने वाला। 8 नवम्बर 2022, पालड़ी, तह. -लक्ष्मणगढ़, जिला-सीकर (राज.)

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